Thursday, 2 July 2015

..तो कुंडली में मंगल के ऐसे दोष नही रहेंगे

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मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में सभी ग्रहों का सेनापति माना गया है। इसी वजह से इसका प्रभाव भी काफी अधिक होता है। मंगल किसी भी व्यक्ति का स्वभाव पूरी तरह प्रभावित करता है। अगर यह किसी कुंडली में शुभ होता है तो वह व्यक्ति बहुत अपने जीवन में बहुत सफलता प्राप्त करता है लेकिन मंगल अशुभ हो या नीच राशि में होता है तो उसका जीवन परेशानियों से भरा रहता है।


कुंडली के किस भाव में मंगल कितना अशुभ-


-कुंडली में मंगल प्रथम भाव में हो तो वह व्यक्ति साहसी, मूढ़, अल्पायु, अभिमानी, शूर, सुंदररूप वाला और चंचल होता है।

- किसी भी व्यक्ति की कुंडली में मंगल चौथे घर में हो तो वह वस्त्र और भाई-बंधु से

हीन, वाहन रहित और दुखी होता है।

-जन्मकुंडली में सप्तम भाव में मंगल हो तो वह व्यक्ति रोगी, गलत कार्य करने वाला,

दुखी, पापी, निर्धन और पतले शरीर वाला होता है।

- मंगल अष्टम में होता है गरीब, कम उम्र का और दुखी रहने वाला होता है

- कुंडली के बाहरवें भाव में मंगल हो तो वह व्यक्ति आंखों का रोगी और चुगलखोर होता है। ऐसा व्यक्ति के जीवन में जेल भोगने के भी योग बन सकते हैं।


मंगल दोष मिटाने के उपाय-

- हर मंगलवार को शहद खाएं।

- 12 मंगलवार तक गुड़ पानी में बहाएं।

- हर मंगलवार को हनुमान मंन्दिर में लड्डू का प्रसाद चढ़ाए और बांटे।

- कुत्तों को मिठी रोटीयां खिलाएं।

- बताशे पानी में बहाएं।

- 7 मंगलवार तक दूध में चावल धोकर पानी में बहाएं।

- बंदरों को चने खिलाएं।

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